Shardiya Navratri 2024: अश्विन मास के शुक्ल पक्ष में मनाए जाने वाले शारदीय नवरात्रि की पूजा तथा व्रत देशभर में जोरों-शोरों से चल रहे हैं। नवरात्रि के दिनों में नौ दिनों तक माता दुर्गा के नौ रूपों की आराधना की जाती है। नवरात्रि के 9 दिन मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा अर्चना की जाती है। नवरात्रि महोत्सव के छठे दिन मां दुर्गा के छठे स्वरूप यानी मां कात्यायनी को समर्पित है।
विषय सूची
मां कात्यायनी का स्वरूप
मां कात्यायनी मां दुर्गा के छठे रूपों में से एक हैं। मां कात्यायनी की आराधना करने से सुख और मोक्ष की प्राप्ति होती है। मां कात्यायनी का स्वरूप बहुत ही निराला और शक्तिशाली है। अभयमुद्रा, वरमुद्रा, तलवार और कमल का पुष्प लिए, मां कात्यायनी चार भुजाओं वाली हैं। मां कात्यायनी के सिर पर चंद्रमा का चिन्ह है, जो माता की शीतलता और सौंदर्य को दर्शाता है। माना जाता है कि मां कात्यायनी महादेवी (पार्वती) का ही एक रूप हैं, जो असुरों का नाश करती हैं। मां कात्यायनी का दूसरा नाम पार्वती है। मां कात्यायनी देवी को लाल रंग बेहद पसंद है, साथ ही माता को गुड़हल या कमल के भी फूल चढ़ाए जाते हैं।
मां कात्यायनी की पूजा का शुभ मुहूर्त
मां कात्यायनी की पूजा का शुभ मुहूर्त 8 अक्टूबर को सुबह ब्रह्म मुहूर्त में 4 बजकर 39 मिनट से लेकर 5 बजकर 29 मिनट तक है। इसके अलावा, अभिजित मुहूर्त में 11 बजकर 45 मिनट से लेकर 12 बजकर 32 मिनट तक है।
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मां कात्यायनी का भोग कैसे लगाएं?
मां कात्यायनी का भोग लगाने के लिए सबसे पहले ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करें तथा स्वच्छ वस्त्र धारण करें। अब मां कात्यायनी को सिंगार का सामान, चंदन, रोली, सिन्दूर, तिलक आदि लगाकर पूजा शुरू करें। मां को मिठाई, दूध से बनी हुई चीजें, हलवा, और शहद का भोग लगाएं। अब घी का दीपक जलाएं या अगरबत्ती, धूप बत्ती आदि जलाकर माता की आरती उतारें और मंत्रों का उच्चारण करें।
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मां कात्यायनी की स्तुति और मंत्र का जाप करते हुए इन बातों का ख्याल रखें
- ॐ ऐं कात्यायनी देव्यै नमः।।
- ॐ कात्यायनी महामायै नमः।।
- ॐ कात्यायनी महाशक्तये नमः।।
मां कात्यायनी की स्तुति और मंत्र का जाप करते समय कुछ बातों का ख्याल रखना चाहिए:
- मंत्र का उच्चारण करने से पहले स्नान करें और साफ वस्त्र पहनें।
- मंत्र का उच्चारण करने के लिए एक शांत और एकांत स्थान चुनें।
- मंत्र का उच्चारण करते समय मां कात्यायनी की तस्वीर या मूर्ति के सामने बैठें।
- शुद्ध और एकाग्र मन से मंत्र का उच्चारण करें।
मां कात्यायनी की स्तुति और मंत्र
स्तुति मंत्र
जय मां कात्यायनी तुम्हारी जय,
शशिशेखरायै नमोस्तुते
तुम्हारी महिमा अपरम्पार,
तुम्हारी शक्ति अनंत भार
तुम्हारे हाथ में तलवार,
तुम्हारे हाथ में कमल धार
तुम्हारी पूजा करें हम,
तुम्हारी आरती गाएं हम
ध्यान मंत्र
कात्यायनी त्वम् श्रेष्ठा देवी,
त्वामहं प्राणमाम्यहम्
जिसका अर्थ है:
हे मां कात्यायनी, आप सर्वश्रेष्ठ देवी हैं,
मैं आपको अपना प्राण समर्पित करता हूँ।
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मां कात्यायनी के मंत्र के उच्चारण से लाभ
मां कात्यायनी के मंत्र के उच्चारण से कई लाभ होते हैं जैसे:
- संकटों का निवारण
- मानसिक शांति की प्राप्ति
- आत्मविश्वास में वृद्धि
- संतान प्राप्ति
- वैवाहिक जीवन में सुख समृद्धि तथा धन में उन्नति
मां कात्यायनी की पूजा आरती
नवरात्रि महोत्सव में मां कात्यायनी की आरती जरूर करें, जिससे मां कात्यायनी की कृपा तथा आशीर्वाद की प्राप्ति होती है।
मां कात्यायनी की आरती
जय मां कात्यायनी तुम्हारी आरती,
जय मां कात्यायनी तुम्हारी आरती
चंद्रमुखी शशिशेखरायै,
कात्यायनी तुम्हारी आरती।
तुम्हारी महिमा अपरम्पार,
तुम्हारी शक्ति अनंत भार।
तुम्हारे हाथ में तलवार,
तुम्हारे हाथ में कमल धार।
तुम्हारी पूजा करें हम,
तुम्हारी आरती गाएं हम।
जय मां कात्यायनी तुम्हारी आरती,
जय मां कात्यायनी तुम्हारी आरती।
(FAQs)
- मां कात्यायनी कौन हैं, और उनकी पूजा क्यों की जाती है?
उत्तर: मां कात्यायनी मां दुर्गा के छठे स्वरूप हैं, जिन्हें विशेष रूप से शारदीय नवरात्रि के छठवें दिन पूजा जाता है। मां कात्यायनी की आराधना से भक्तों को वैवाहिक जीवन में सुख, समृद्धि, शांति और मोक्ष की प्राप्ति होती है। वह असुरों का नाश करती हैं और शक्ति का प्रतीक मानी जाती हैं। - मां कात्यायनी की पूजा किस दिन की जाती है?
उत्तर: मां कात्यायनी की पूजा शारदीय नवरात्रि के छठवें दिन की जाती है। इस दिन भक्त विशेष रूप से मां कात्यायनी का ध्यान और आराधना करते हैं, जिससे उन्हें सुख और समृद्धि प्राप्त होती है। - मां कात्यायनी की पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है?
उत्तर: मां कात्यायनी की पूजा का शुभ मुहूर्त 8 अक्टूबर को ब्रह्म मुहूर्त में 4:39 AM से 5:29 AM के बीच है। इसके अलावा, अभिजित मुहूर्त में 11:45 AM से 12:32 PM तक भी पूजा की जा सकती है। - मां कात्यायनी को कौन सा भोग चढ़ाना चाहिए?
उत्तर: मां कात्यायनी को लाल रंग प्रिय है, इसलिए उन्हें गुड़हल या कमल के फूल चढ़ाए जाते हैं। भोग में मिठाई, दूध, दही, हलवा और शहद चढ़ाया जाता है। इससे माता प्रसन्न होकर भक्तों पर अपनी कृपा बरसाती हैं। - मां कात्यायनी की पूजा कैसे करनी चाहिए?
उत्तर: मां कात्यायनी की पूजा करने के लिए ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें। फिर मां को सिंगार का सामान, चंदन, रोली, सिन्दूर और तिलक लगाकर उनकी आराधना करें। घी का दीपक जलाकर और मंत्रों का उच्चारण करके आरती करें। - मां कात्यायनी के मंत्रों का उच्चारण करने से क्या लाभ होते हैं?
उत्तर: मां कात्यायनी के मंत्रों का उच्चारण करने से संकटों का निवारण, मानसिक शांति, आत्मविश्वास में वृद्धि, संतान प्राप्ति, और वैवाहिक जीवन में सुख-समृद्धि होती है। भक्तों को धन और समृद्धि की प्राप्ति होती है। - मां कात्यायनी की आरती का महत्व क्या है?
उत्तर: मां कात्यायनी की आरती करने से भक्तों को मां का आशीर्वाद मिलता है और उनकी कृपा से जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। आरती के समय माता की महिमा का वर्णन किया जाता है, जो भक्तों को प्रेरणा देती है।
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