Keir Starmer की बड़ी जीत: दोस्तों, सुनाक की विदाई और स्टारमर की एंट्री ने यूके के चुनावों में बड़ा बदलाव ला दिया है। ये बदलाव भारत-यूके रिश्तों के लिए खुशखबरी हो सकता है। चलिए जानते हैं कैसे!
ब्रिटेन के हालिया चुनावों में केयर स्टारमर की लेबर पार्टी ने जबरदस्त जीत दर्ज की है, जिससे ऋषि सुनाक और उनकी कंज़र्वेटिव पार्टी को हार का सामना करना पड़ा है। स्टारमर की इस जीत से भारत और यूके के संबंधों में नया मोड़ आ सकता है, जो हमारे लिए काफी महत्वपूर्ण हो सकता है। आइए, जानते हैं कि ये बदलाव भारत के लिए कैसे फायदेमंद हो सकता है।
Keir Starmer: पुरानी चिंताओं का निपटारा
पहले जब जेरेमी कॉर्बिन लेबर पार्टी के मुखिया थे, तो भारत और यूके के रिश्ते थोड़े खटास भरे थे। खासकर कश्मीर मुद्दे पर लेबर पार्टी के विवादित प्रस्ताव से ब्रिटिश भारतीय समुदाय में नाराजगी फैली थी। लेकिन अब केयर स्टारमर के नेतृत्व में पार्टी ने अपने पुराने रुख से दूरी बना ली है। स्टारमर खुद कह चुके हैं कि लेबर पार्टी अब भारत और ब्रिटिश भारतीय समुदाय के साथ मजबूत रिश्ते बनाना चाहती है।
हिंदू विरोधी और खालिस्तानी नफरत पर सख्त रुख
स्टारमर की जीत का एक खास पहलू यह है कि उन्होंने हिंदू विरोधी नफरत के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने किंग्सबरी स्थित श्री स्वामीनारायण मंदिर में जाकर यह साफ किया कि ब्रिटेन में हिंदूफोबिया की कोई जगह नहीं है। उन्होंने यह भी वादा किया कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आई तो वे भारत के साथ एक मजबूत साझेदारी बनाएंगे।
लेबर पार्टी ने खालिस्तानी उग्रवाद के खिलाफ भी कड़े कदम उठाए हैं। पार्टी ने एक सिख काउंसलर के खिलाफ जांच शुरू की, जो खालिस्तानी आतंकी समूहों का समर्थन करते थे। इससे साफ होता है कि वे भारत के साथ अच्छे रिश्ते बनाए रखने के लिए गंभीर हैं।
मुक्त व्यापार समझौते की तैयारी
लेबर पार्टी ने भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को तेजी से आगे बढ़ाने का भी वादा किया है। लेबर के शैडो विदेश मंत्री डेविड लैमी ने कहा कि वे तैयार हैं और इस प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा करना चाहते हैं। लैमी जल्द ही दिल्ली का दौरा भी करने वाले हैं ताकि इस मामले में प्रगति हो सके।
लेबर पार्टी का दृष्टिकोण ताजगी भरा और आशावादी है। लैमी ने कहा कि वे पुराने औपनिवेशिक रवैये को पीछे छोड़कर एक नए, सम्मानजनक साझेदारी की ओर बढ़ना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि अगर वे भारत में कविता पढ़ेंगे तो वो टैगोर की होगी, न कि किपलिंग की। यह दिखाता है कि वे भारत की संस्कृति और महत्ता को समझते और सम्मान करते हैं।
आगे की राह
भारत-यूके संबंधों के लिए यह एक रोमांचक समय है। स्टारमर की लेबर पार्टी के नेतृत्व में हमें दोनों देशों के बीच मजबूत और सकारात्मक रिश्तों की उम्मीद है। समय ही बताएगा कि चीजें कैसे आकार लेती हैं, लेकिन संकेत अच्छे दिख रहे हैं। चलिए, हम एक उज्ज्वल भविष्य के लिए उंगलियां क्रॉस करते हैं!
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