Hartalika Teej 2024: तीज का व्रत कब है? जानें तिथि, पूजा की विधि व महत्व।

Hartalika Teej 2024: भारतीय संस्कृति में त्योहारों का विशेष महत्व है। तीज का व्रत वैवाहिक स्त्रियाँ रखती हैं और अपने पति की लंबी आयु की कामना करती हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीय तिथि को तीज का पर्व पूरे भारत में मनाया जाता है। इस वर्ष हरतालिका तीज का पर्व 5 सितंबर और 6 सितंबर दोनों दिन है।

हरतालिका तीज का मतलब क्या होता है?

हरतालिका तीज भगवान शिव और माता पार्वती के शुभ मिलन का प्रतीक है। इस दिन सभी वैवाहिक स्त्रियाँ अपने पति के लिए व्रत रखती हैं, भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा विधिपूर्वक करती हैं और अपने पति की लंबी आयु, सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। साथ ही, क्वारी कन्याएँ अच्छा वर पाने की कामना करती हैं। यह त्योहार बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड में बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है।

Hartalika Teej 2024
Hartalika Teej 2024
हरतालिका तीज का शुभ मुहूर्त कब है?

पंचांग के अनुसार, इस बार हरतालिका तीज 5 सितंबर और 6 सितंबर दोनों ही दिन है, क्योंकि हरतालिका तीज शुक्ल पक्ष की तृतीय तिथि को मनाया जाता है। तीज का पर्व 5 सितंबर को दोपहर 12:21 बजे से शुभारंभ होगा और 6 सितंबर को दोपहर 3:01 बजे तक समाप्त होगा।

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सुबह का शुभ मुहूर्त

हरतालिका तीज का पर्व 6 सितंबर को सुबह 6 बजकर 2 मिनट से लेकर 8 बजकर 33 मिनट तक शुभ मुहूर्त रहेगा। तब भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा, अर्चना और कथा सुनकर विधिपूर्वक पूजन करें।

शाम का शुभ मुहूर्त

यदि कोई स्त्री हरतालिका तीज पर्व का पूजन सुबह नहीं कर पाती हैं, तो वे शाम के गोधूलि मुहूर्त में 6:36 PM से 6:59 PM तक पूजा की विधि पूरी कर सकती हैं।

Hartalika Teej 2024
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हरतालिका तीज का अशुभ काल कब है?

भारतीय स्त्रियों के जीवन में हरतालिका तीज का पर्व महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिसे सभी स्त्रियाँ श्रद्धा से पूरा करती हैं। हरतालिका तीज के दिन सभी स्त्रियों को अशुभ (राहु काल) में पूजा-पाठ करने से बचना चाहिए। इस वर्ष राहु काल सुबह 10:45 बजे से लेकर दोपहर 12:19 बजे तक रहेगा।

हरतालिका तीज की विधि क्या है?

तो चलिए जानते हैं कि तीज का व्रत कैसे किया जाता है। मुख्य रूप से हरतालिका तीज की पूजा विधि शाम को की जाती है। इसके लिए सबसे पहले स्नान आदि कर लें। पूजा के लिए एक चौकी लगाकर लाल कपड़ा बिछाएँ, उसे अच्छे से सजाएँ, चारों तरफ केले के स्तंभ लगाएँ और फिर चारों ओर गंगा जल छिड़कें।

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उसके बाद शिव परिवार की तस्वीर स्थापित करें। चौके के एक कोने में थोड़े चावल रखें और फिर उसके ऊपर एक कलश रखें। उस कलश में पानी, लौंग, चावल, एक सिक्का रखें और अशोक या आम के पत्तों से ढक दें। फिर उसके ऊपर किसी छोटे प्लेट में कुछ चावल के दाने रखें और एक दिए में घी रखकर जलाएँ तथा हाथ जोड़कर प्रार्थना करें।

अब मिट्टी से छोटे-छोटे आकार में गणेश जी, भगवान शिव और माता पार्वती बनाएँ या फिर पिंड बना सकते हैं। फिर उनका अभिषेक करें (यह अभिषेक जल, दूध, गंगाजल से करें)। अभिषेक को तीन बार करें और गणेश जी और माता पार्वती को तिलक और भगवान शिव को चंदन से टीका करें। साथ ही, कलश और दीपक को भी लगाएँ। फिर चावल और फूल समर्पित करें। भगवान शिव को भांग, धतूरा, बेल पत्र, फल (सब्जियाँ, ककड़ी आदि) चढ़ाएँ।

Hartalika Teej 2024
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फिर माता पार्वती को चुनरी और सुहाग सामग्री समर्पित करें। गणेश जी और भगवान शिव को जनेऊ या कलावा चढ़ाएँ। सारी विधि खत्म करने के बाद हाथ में कुछ चावल या चने के दाने लेकर तीज की कथा सुनें, फिर उन चावल या चने के दाने को भगवान शिव को समर्पित कर दें।

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हवन: इसके लिए एक बड़े आकार का दीया लें। उसमें उपले/कपूर या हवन सामग्री डालें और फिर जो भी अन्न अपने भोग चढ़ाया है, उसमें से थोड़ा-थोड़ा डालकर हवन करें। मन में “ॐ नमः शिवाय” का जाप करते रहें और सभी की आरती उतारें। अंत में हाथ जोड़कर प्रार्थना करें और पूजा में हुई गलतियों के लिए माफी माँगें।

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Anupma Prasad
Anupma Prasad

मैंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से डिग्री पाने के कुछ समय बाद इग्नू यूनिवर्सिटी कॉलेज में पोस्ट ग्रेजुएशन इन डिजिटल मीडिया डिप्लोमा कोर्स में एडमिशन लिया साथ डिजीटल वर्ल्ड में रुचि थी तो कंटेंट राइटिंग की तरफ मन बना लिया फिलहाल सीखने और अधिक जानने का प्रयास कर रही हूं। लिखने के अलावा घूमने, गाने सुनने, बायोग्राफी पढ़ने और नई - नई जगह पर जाने का शोक है 

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