Dhanteras 2024: धनतेरस का त्यौहार हिंदू धर्म में बहुत ही खास माना जाता है। यह सामान्यतः दीपावली से दो दिन पहले मनाया जाता है। साल 2024 में धनतेरस की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त केवल एक घंटा और 41 मिनट का होगा। यह त्यौहार हमें धन, संपत्ति, अच्छे स्वास्थ्य, दीर्घ आयु और सुखी दांपत्य जीवन की कामना का लाभ देता है। तो चलिए जानते हैं कि 2024 में धनतेरस का त्यौहार कब मनाया जाएगा—29 या 30 अक्टूबर? साथ ही हम बात करेंगे कि धनतेरस के मौके पर हमें क्या नहीं देना चाहिए।
विषय सूची
धनतेरस में किसकी पूजा होती है?
धनतेरस की पूजा कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी के दिन होती है। ‘धनतेरस’ जिसे ‘धनत्रयोदशी’ के नाम से भी जाना जाता है, यह दिवाली से दो दिन पहले मनाई जाती है। हिंदू परंपरा के अनुसार, धनतेरस के दिन आयुर्वेद के जन्मदाता धनवंतरी, माता लक्ष्मी, और कुबेर का पूजन करने का विधान है।
धनवंतरी कौन हैं?
धनवंतरी भगवान विष्णु के अवतारों में से एक हैं। धनवंतरी ही आयुर्वेद चिकित्सा शास्त्र के सर्वप्रथम चिकित्सक तथा जन्मदाता माने जाते हैं जिन्होंने इस विश्व को आयुर्वेद के दिव्य ज्ञान से अवगत कराया। माना जाता है कि सतयुग में देवताओं तथा असुरों के बीच एक भयंकर युद्ध हुआ था।
इस युद्ध में सभी देवताओं की हार हुई थी, इसके बाद भगवान विष्णु ने समुद्र मंथन का रास्ता दिखाया था। इस दौरान समुद्र मंथन से बहुत सी चीजें निकलीं—कामधेनु, अमृत कलश, माता लक्ष्मी, चंद्रमा, दिव्य वृक्ष, अप्सराएं, मदिरा, कालकूट विष, हालाहल विष, महानाग, दरिद्रता और भगवान धनवंतरी का जन्म समुद्र मंथन से हुआ। इसका वर्णन हिंदू पुराणों और शास्त्रों में भी है।
इस समुद्र मंथन में जो भी चीजें बाहर आईं, उनमें से कुछ अच्छी चीजें थीं और कुछ खतरनाक भी थीं, जैसे कि विष जिसे भगवान शिव ने पीकर पूरी दुनिया को उसके प्रकोप से बचाया। इसी कारण भगवान शिव का नाम नीलकंठ पड़ा।
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2024 में धनतेरस कब है?
साल 2024 में धनतेरस 29 अक्टूबर को मनाई जाएगी। दृक पंचांग के अनुसार, धनतेरस का त्यौहार मंगलवार, 29 अक्टूबर को सुबह 10 बजकर 31 मिनट से शुरू होगा और अगले दिन 30 अक्टूबर को दोपहर 1 बजकर 15 मिनट पर इसका समापन होगा। इस दौरान, धनतेरस की पूजा का शुभ मुहूर्त केवल एक घंटा 41 मिनट का होगा, जो कि 6 बजकर 31 मिनट से लेकर 8 बजकर 13 मिनट तक रहेगा।
धनतेरस के शुभ अवसर पर नए बर्तन, कपड़े, इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स, सोना आदि खरीदने का विधान है। इसके साथ ही इस दिन झाड़ू खरीदना भी शुभ माना जाता है। इस दिन 3, 5, या 7 झाड़ू खरीदे जा सकते हैं।
साल 2024 में धनतेरस पर खरीदारी का शुभ मुहूर्त क्या है?
2024 में धनतेरस पर खरीदारी के 2 शुभ योग होंगे:
- त्रिपुष्कर योग: 29 अक्टूबर को सुबह 6 बजकर 32 मिनट से लेकर अगले दिन 30 अक्टूबर को 10 बजकर 30 मिनट तक रहेगा। वैदिक पंचांग के अनुसार, त्रिपुष्कर मुहूर्त में खरीदारी करना शुभ माना जाता है।
- अभिजीत योग: यह मुहूर्त 29 अक्टूबर को 11:42 से शुरू होकर 12 बजकर 27 मिनट तक रहेगा। माना जाता है कि अभिजीत मुहूर्त में खरीदारी करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
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धनतेरस 2024 की पूजा की विधि क्या है?
धनतेरस 2024 की पूजा विधि के लिए सुबह उठकर सबसे पहले स्नान करें और पीले रंग के वस्त्र धारण करें। इसके बाद, संध्या काल में घर के मंदिर या आंगन को स्वच्छ करके धनवंतरी तथा माता लक्ष्मी के साथ गणेश भगवान की मूर्ति को स्थापित करें। गंगाजल का छिड़काव करें। फिर धनतेरस की पूजा का आरंभ गणेश भगवान की पूजा से करें।
पूजा के लिए घी का दीपक, फूल, चंदन आदि समर्पित करें। माता लक्ष्मी, भगवान गणेश और भगवान धनवंतरी को तिलक लगाएं। अंत में आरती करें और जो भी बर्तन आपने खरीदे हों, उन्हें चढ़ाकर पूजा को समाप्त करें। इसके साथ ही घर के आंगन में या किसी कोने में दक्षिण दिशा की ओर दीपक जरूर जलाएं।
धनतेरस का महत्व क्या है?
- धन, संपत्ति और समृद्धि की कामना: धनतेरस के दिन माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है और धन, संपत्ति तथा समृद्धि की कामना के साथ यह त्यौहार मनाया जाता है।
- अच्छा स्वास्थ्य और दीर्घायु: भारतीय आयुर्वेद के ज्ञाता भगवान विष्णु के अवतार धनवंतरी की पूजा से अच्छे स्वास्थ्य और दीर्घायु की प्राप्ति होती है।
- नए सामान और बर्तन की खरीदारी: धनतेरस के अवसर पर नए सामान और बर्तन, इलेक्ट्रॉनिक आइटम खरीदने से धन संपत्ति में वृद्धि होती है, और इस दिन भारी मात्रा में खरीदारी की जाती है।
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धनतेरस पर क्या नहीं देना चाहिए?
हिंदू धर्म में धनतेरस के दिन नई वस्तुएं जैसे बर्तन, सोना, चांदी आदि लेने का विधान है। लेकिन, कुछ चीजों को खरीदने से बचना चाहिए।
इस दिन कांच, चीनी, लोहा, स्टील, एल्युमिनियम, और प्लास्टिक से बनी चीजें नहीं खरीदनी चाहिए। इसके साथ ही काले रंग के वस्त्र को भी नहीं खरीदना चाहिए। धनतेरस के दिन किसी भी प्रकार का कर्ज न लें और नकारात्मक विचार मन में न लाएं।
FAQs
- धनतेरस का त्यौहार कब मनाया जाता है?
धनतेरस का त्यौहार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। यह आमतौर पर दीपावली से दो दिन पहले आता है। - धनतेरस पर किसकी पूजा की जाती है?
धनतेरस पर भगवान धनवंतरी, माता लक्ष्मी, और भगवान कुबेर की पूजा की जाती है। भगवान गणेश की पूजा भी इस दिन की जाती है। - धनतेरस का महत्व क्या है?
धनतेरस का मुख्य महत्व धन, संपत्ति और समृद्धि की कामना से जुड़ा है। इस दिन को शुभ मानते हुए नई वस्तुएं खरीदने और घर में समृद्धि लाने की परंपरा है। साथ ही, भगवान धनवंतरी की पूजा से अच्छा स्वास्थ्य और दीर्घायु की प्राप्ति होती है। - धनतेरस पर कौन सी वस्तुएं नहीं खरीदनी चाहिए?
कांच, चीनी, लोहे, स्टील, एल्युमिनियम, और प्लास्टिक से बनी वस्तुएं नहीं खरीदनी चाहिए। इसके अलावा, काले रंग के कपड़े भी खरीदने से बचना चाहिए। - धनतेरस पर कौन से सामान खरीदना शुभ माना जाता है?
इस दिन सोना, चांदी, बर्तन, नए कपड़े, गहने और इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स खरीदना शुभ माना जाता है। इसके अलावा, झाड़ू खरीदना भी शुभ होता है। - धनतेरस की पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है?
धनतेरस की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त हर साल बदलता है, और यह पंचांग के अनुसार तय होता है। पूजा का समय आमतौर पर शाम के समय होता है। - क्या धनतेरस के दिन कर्ज लेना शुभ है?
नहीं, धनतेरस के दिन कर्ज लेना अशुभ माना जाता है। इस दिन कर्ज लेने से बचना चाहिए। - क्या धनतेरस पर झाड़ू खरीदना शुभ होता है?
हां, धनतेरस पर झाड़ू खरीदना बहुत शुभ माना जाता है। इसे घर से नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने और समृद्धि लाने का प्रतीक माना जाता है। - धनतेरस का दूसरा नाम क्या है?
धनतेरस को ‘धनत्रयोदशी’ के नाम से भी जाना जाता है, जो कि कार्तिक मास की त्रयोदशी तिथि से जुड़ा हुआ है। - धनतेरस पर भगवान धनवंतरी की पूजा क्यों की जाती है?
भगवान धनवंतरी आयुर्वेद के जनक माने जाते हैं, और उनकी पूजा धनतेरस पर अच्छे स्वास्थ्य और दीर्घायु की कामना के लिए की जाती है।
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