Brain-Eating Amoeba: दोस्तों, केरल में हाल ही में Brain-Eating Amoeba ने कई युवाओं की जान ले ली है। यह खतरनाक जीव, जिसे वैज्ञानिक रूप से Naegleria fowleri कहा जाता है, ने सभी को चिंतित कर दिया है। आइए जानते हैं इस जानलेवा खतरे के बारे में सब कुछ और इसे लेकर सतर्क कैसे रहें।
क्या है Brain-Eating Amoeba?
Brain-Eating Amoeba, या Naegleria fowleri, एक एकल-कोशिका जीव है जो गर्म मीठे पानी और मिट्टी में पाया जाता है। यह एक दुर्लभ लेकिन गंभीर मस्तिष्क संक्रमण का कारण बनता है जिसे प्राइमरी अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस (PAM) कहा जाता है। यह अमीबा नाक के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है, आमतौर पर दूषित पानी में तैराकी करते समय, और फिर मस्तिष्क में जाकर भारी नुकसान पहुंचाता है।
केरल में हाल की घटनाएँ
एक 14 साल के लड़के की बुधवार को केरल के एक निजी अस्पताल में प्राइमरी अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस के कारण मृत्यु हो गई। इस संक्रमण का स्रोत एक छोटा तालाब था जिसमें वह तैर रहा था। यह मई से केरल में रिपोर्ट किया गया तीसरा मामला है, और पिछले मामलों में भी मृत्यु दर्ज की गई है।
यह संक्रमण कैसे होता है?
दिमाग खाने वाला अमीबा व्यक्ति के नाक के माध्यम से प्रवेश करता है, विशेष रूप से जब वे गर्म मीठे पानी के स्रोतों में तैराकी करते हैं। ध्यान देने वाली बात यह है कि यह संक्रमण दूषित पानी पीने या एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता।
लक्षणों पर ध्यान दें
PAM के प्रारंभिक लक्षण आम बीमारियों से मिलते-जुलते होते हैं, जिससे प्रारंभिक पहचान मुश्किल हो जाती है। यहाँ कुछ लक्षण दिए गए हैं:
- प्रारंभिक लक्षण: सिरदर्द, बुखार, मतली और उल्टी।
- अग्रिम लक्षण: गर्दन में अकड़न, भ्रम, दौरे, मतिभ्रम और कोमा।
US Centers for Disease Control and Prevention (CDC) के अनुसार, प्रारंभिक लक्षणों से लेकर कोमा और मृत्यु तक का समय बहुत कम होता है, आमतौर पर 1 से 18 दिनों के भीतर।
उपचार की चुनौतियाँ
वर्तमान में, प्राइमरी अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस के लिए कोई निश्चित उपचार नहीं है। डॉक्टर आमतौर पर amphotericin B, azithromycin, fluconazole, rifampin, miltefosine, और dexamethasone जैसे दवाओं के संयोजन का उपयोग करते हैं, लेकिन ये उपचार हमेशा प्रभावी साबित नहीं हुए हैं।
पहले की घटनाएँ
हालिया मृत्यु कोई अलग घटना नहीं है। मई में, मुनियूर, मलप्पुरम की एक पांच वर्षीय लड़की की इसी संक्रमण के कारण मृत्यु हो गई थी, जब उसने एक नदी में स्नान किया था। इसके अलावा, रामानत्तुक्कारा, मलप्पुरम का एक 12 वर्षीय लड़का एक तालाब में तैरने के बाद बुखार, सिरदर्द और उल्टी के लक्षणों के साथ गंभीर स्थिति में है।
रोकथाम के उपाय
इस तरह की दुखद घटनाओं से बचने के लिए, यहाँ कुछ सुरक्षा सुझाव दिए गए हैं:
- गर्म मीठे पानी में तैराकी से बचें: विशेष रूप से उन स्थानों पर जहां पानी स्थिर होता है और तापमान अधिक होता है।
- नाक क्लिप का उपयोग करें: मीठे पानी के स्रोतों में तैराकी करते समय नाक क्लिप का उपयोग करें ताकि पानी नाक में न जाए।
- सूचित रहें: स्थानीय स्वास्थ्य सलाह का पालन करें और उन जल स्रोतों में तैराकी से बचें जिन्हें दूषित घोषित किया गया हो।
दोस्तों, इस खतरनाक अमीबा की उभरती हुई घटनाएं पानी की गतिविधियों का आनंद लेते समय सावधानी बरतने की आवश्यकता को उजागर करती हैं। इस दुर्लभ लेकिन खतरनाक संक्रमण से खुद को और अपने प्रियजनों को बचाने के लिए सतर्क और सूचित रहें।
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