e-Mutation plus: बिहार में भूमि संबंधित मामलों में होने वाली कठिनाइयों को कम करने के उद्देश्य से मंगलवार को राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री डॉ. दिलीप कुमार जायसवाल की उपस्थिति में एक महत्वपूर्ण नई व्यवस्था की शुरुआत की गई। इस नई व्यवस्था के अंतर्गत, जमीन मालिकों को कई नई सुविधाएं प्रदान की गई हैं, जिससे भूमि दाखिल-खारिज की प्रक्रिया अब और भी सरल और पारदर्शी हो जाएगी।
ई-म्यूटेशन प्लस: डिजिटल जमाबंदी और त्रुटि सुधार की सुविधा
राज्य सरकार ने e-Mutation plus प्रणाली की शुरुआत की है, जो परिमार्जन प्लस पोर्टल पर उपलब्ध है। इस प्रणाली के माध्यम से भूमि मालिकों को डिजिटल जमाबंदी सुधार और छूटी जमाबंदी का काम ऑनलाइन किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, राजस्व न्यायालय प्रबंधन प्रणाली में समाहर्ता और आयुक्त के राजस्व न्यायालय को भी जोड़ा गया है, जिससे इन न्यायालयों में ऑनलाइन मामले दर्ज किए जा सकेंगे।
त्रुटि पाए जाने पर आवेदन होगा वापस
e-Mutation plus के तहत, यदि खाता, खेसरा, रकबा, नाम, जमाबंदी या साक्ष्य से संबंधित आवेदन में कोई त्रुटि पाई जाती है, तो अंचलाधिकारी उसे ऑनलाइन ही आवेदक को वापस कर देंगे। आवेदक त्रुटियों को सुधार कर पुनः आवेदन कर सकता है। यह प्रक्रिया मुकदमेबाजी को सरल और प्रभावी बनाएगी, जिससे त्रुटियों के कारण आवेदन अस्वीकृत होने पर आवेदक को अपील की प्रक्रिया से नहीं गुजरना पड़ेगा। आवेदक को एसएमएस के माध्यम से आवेदन की प्रगति की जानकारी भी दी जाएगी।
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कर्मचारी और राजस्व अधिकारी की रिपोर्ट जवाबदेह
e-Mutation plus: नई व्यवस्था के तहत, कर्मचारियों और राजस्व पदाधिकारियों को अपनी मंतव्य, अनुशंसा या निर्णय के समर्थन में साक्ष्य अपलोड करने की सुविधा दी गई है। अब आवेदन के साथ ही सभी साक्ष्य जैसे खतियान, बंटवारा, लगान रसीद, वसीयत आदि को अलग-अलग अपलोड किया जा सकेगा, जिससे संबंधित साक्ष्य दस्तावेज खोजने में आसानी होगी।
परिमार्जन प्लस पोर्टल: छूटी जमाबंदी भी होगी ऑनलाइन
डिजिटलीकरण के दौरान जमाबंदी में त्रुटियों और मिसिंग एंट्री को सही करने के लिए परिमार्जन प्लस पोर्टल की शुरुआत की गई है। इसके माध्यम से छूटी हुई जमाबंदी को ऑनलाइन करने की व्यवस्था की गई है। नए सॉफ्टवेयर में क्षतिग्रस्त और फटी हुई जमाबंदी को भी सही करके ऑनलाइन करने की सुविधा दी गई है। एनआईसी की मदद से सॉफ्टवेयर में आवश्यक बदलाव किए गए हैं, और अंचल अधिकारियों को इन त्रुटियों को ठीक करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
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समाहर्ता और आयुक्त के राजस्व न्यायालय भी ऑनलाइन
राजस्व न्यायालय प्रबंधन प्रणाली में समाहर्ता और आयुक्त के राजस्व न्यायालय को भी जोड़ा गया है, जिससे उनके न्यायालयों में राजस्व संबंधी सभी वाद ऑनलाइन दायर किए जा सकेंगे। नई व्यवस्था के तहत समाहर्ता के न्यायालय में जमाबंदी रद्दीकरण अपील, म्युटेशन रिवीजन अपील, भू हदबंदी अपील, भू-दान अपील आदि ऑनलाइन दायर किया जा सकता है। इसी तरह, आयुक्त की अदालत में बीएलडीआर अपील और जमाबंदी रद्दीकरण रिवीजन को ऑनलाइन दायर करने की सुविधा दी गई है।
मंत्री का बयान
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री डॉ. दिलीप कुमार जायसवाल ने बताया कि बिहार के सभी अंचलों में ऑनलाइन म्युटेशन की सुविधा दी जा रही है। विभाग द्वारा सॉफ्टवेयर और रैयतों को दी जा रही सुविधाओं की समीक्षा कर उनमें कई और सुधार किए गए हैं। उन्होंने कहा, “सुधारों की प्रक्रिया को हम आगे भी जारी रखेंगे ताकि आम लोगों को बेहतर राजस्व प्रबंधन प्रणाली उपलब्ध करा सकें।”
यह नई व्यवस्था भूमि प्रबंधन में पारदर्शिता और दक्षता लाने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण कदम है, जो बिहार के लोगों के लिए काफी लाभदायक साबित होगा।
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