Bihar Land Survey 2024: बिहार में हो रहे जमीन सर्वे के अंतर्गत राजस्व विभाग और भूमि सुधार मंत्रालय ने 12 सीओ को निलंबित कर दिया है, साथ ही 189 सीओ का वेतन भी रोक लिया है। इसके साथ ही जानिए बिहार जमीन सर्वे के दस्तावेज जमा करने की अंतिम तारीख क्या है? आपको बता दें, यह जमीन सर्वे बिहार में पारिवारिक जमीन संबंधी विवादों को देखते हुए शुरू किया गया था। हालांकि, खबरों के अनुसार, जब से बिहार में जमीन सर्वे शुरू हुआ है, यह विवाद और भी बढ़ता हुआ दिख रहा है।
भूमि विभाग ने किया 12 सीओ को निलंबित
बिहार में भूमि सुधार और राजस्व मंत्रालय ने जमीन सर्वे के मामले में सख्त कदम उठाया है। भ्रष्टाचार के खिलाफ बीजेपी के मंत्री दिलीप जसवाल का बड़ा कदम सामने आ रहा है। इसी बीच लापरवाही करने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्ती बरतते हुए, बिहार में हो रहे जमीन सर्वे के दौरान 12 सीओ को निलंबित कर दिया गया है।
बिहार में 189 सीओ के वेतन रोका गया
बिहार में जमीन सर्वे का काम शुरू हो चुका था, लेकिन यह सुचारू रूप से नहीं चल रहा था। बीजेपी मंत्री दिलीप जसवाल और राजस्व मंत्रालय द्वारा पहली बार बिहार में 12 सीओ को निलंबित करने के साथ-साथ 189 सीओ के वेतन की रोकने की खबर भी सामने आई है। इतना ही नहीं, और 89 सीओ पर भी कार्रवाई की बात की जा रही है।
बीजेपी मंत्री दिलीप जसवाल ने कहा, “चाहे जमीन सर्वे का कार्य हो या कोई अन्य राजस्व कार्य, लापरवाही अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी।” उन्होंने राजस्व विभाग और कर्मचारियों को सीधे तौर पर यह संदेश दिया कि यदि हम बिहार की जनता को उचित सेवा नहीं देते और लापरवाही बरतते हैं, तो इस तरह के कदम आगे भी उठाए जाएंगे।
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बिहार जमीन सर्वे 2024 का मुख्य उद्देश्य क्या है?
बिहार में जमीन सर्वे के कई उद्देश्य हैं, जैसे:
- जमीन के रिकॉर्ड / खतियान को अपडेट करना: बिहार में होने वाले जमीन सर्वे का मुख्य उद्देश्य पुराने जमीन के रिकॉर्ड्स / खतियान को अपडेट करना है, जिससे खरीदार और विक्रेता को सही जानकारी मिल सके। 2024 के सर्वे से यह स्पष्ट हो जाएगा कि 10 साल पहले की जमीन किसके नाम पर थी, और अब किसके नाम पर है। इस प्रकार की जानकारी को कागज पर सही तरीके से दर्ज किया जाएगा।
- जमीन से जुड़े पुराने विवादों का समाधान करना: बिहार में भूमि संबंधी विवाद हमेशा से एक बड़ा मुद्दा रहा है। इन विवादों का निपटारा करने के लिए बिहार सरकार ने जमीन सर्वे की पहल की है।
- सरकारी जमीनों को कब्जे से मुक्त करना: स्थानीय लोगों द्वारा सरकारी जमीन पर कब्जा कर लिया जाता है, जिससे यह पता लगाना मुश्किल हो जाता है कि सरकारी जमीन कितनी है। इसे सही तरीके से मापने और पहचानने के लिए जमीन सर्वे किया जा रहा है।
बिहार जमीन सर्वे के लिए कौन-कौन से दस्तावेज चाहिए?
बिहार जमीन सर्वे के दौरान बिहार सरकार की भूमि सुधार टीम घर-घर जाकर सभी को जानकारी दे रही है कि सर्वे में किन-किन दस्तावेजों की आवश्यकता होगी:
- जमीन का मालिकाना रजिस्ट्रेशन के कागजात।
- वसीयत या वंशावली।
- जमीन के राजस्व की रसीद।
- रैयत का मृत्यु प्रमाण पत्र।
- जमीन के खतियान की कॉपी।
- आधार और अन्य प्रमाण पत्र।